शुक्रवार, 20 नवंबर 2009

शायरी

तुम्हारी मुस्‍कुराहट ने सुबह रोशन कर दी
न जाने कब से अंधेरों ने घेरे रखा था ।

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही खूबसूरत रचना

    सलीम खान
    संयोजक
    हमारी अंजुमन
    (विश्व का प्रथम एवम् एकमात्र हिंदी इस्लामी सामुदायिक चिट्ठा)

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