राजभाषा संदेश
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शुक्रवार, 4 दिसंबर 2009
दीदार
जब भी तुझे भूलने की कोशिश करने लगते हैं
अनजाने में ही याद कर लिया करते हैं।
यूं तो सदियां गुज़र गईं तुझे देखे,
पर हर शब बंद आंखों से तेरा दीदार कर लिया करते हैं ।।
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