मंगलवार, 27 अक्तूबर 2009

पल में सच्‍चाई का एहसास


तपती धूप में पसीने से तर
हाथ में अखबार लिए
उसका मासूम चेहरा उसकी गरीबी साफ ब्यां कर रहा था ।
उसके पेट की भूख
उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी ।
कुछ क्षण में वो
देश के हालात बता गया।
मेरे भीतर तक इस एहसास को जगा गया
अभी बहुत दूर हम गरीबी को हटाने में
जहां गरीबों की किस्मत अमीर लिखते हैं
उस देश के गरीब कहां अमीर बनते हैं ।

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