गुरुवार, 15 जुलाई 2010
भारत की राजकीय मुद्रा
आज का दिन निश्चय ही राजभाषा के लिए भी अच्छी खबर लेकर आया है। रूपए के संकेतक में देवनागरी को यथास्थान देना निश्चिय ही राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। राजभाषा ने अपने लंबे समय में इस प्रकार के बहुत ही कम दिन देखे हैं जब उसे मस्तक पर बिठाया गया हालांकि रोमन के संकेतक का इसमें उल्लेख है परंतु मुख्य दृष्टि में देवनागरी का र ज्यादा दिखाई दे रहा है। सभी राजभाषा प्रेमियों के लिए यह विषय प्रसन्नता का है क्योंकि अब विश्व के प्रत्येक देश में हमारी देवनागरी लिपि का भी डंका बज गया है। कैबिनेट का यह फैसला स्वागत योग्य है। कितना ही अच्छा हो जब कैबिनेट ऐसे और प्रेरणीय कार्य करे जिससे राजभाषा का स्थान हमेशा शीर्ष पर रहे। श्री डी उदय कुमार को भी कोटि कोटि धन्यवाद जिन्होंने देवनागरी लिपि का प्रयोग कर ऐसा सुंदर संकेतक तैयार किया।
हालांकि राजभाषा के विकास के लिए तो अभी बहुत से प्रयास किए जाने शेष है लेकिन आज केवल हम इस बात को लेकर प्रसन्न रहें कि देर से सही हमारी आर्थिक शक्ति की पहचान में देश की भाषा विद्यमान है।
राजभाषा तेरी यूं ही हमेशा शान बनी रहे
तू हमेशा मेरा देश का अभिमान बनी रहे
तू यूं ही यश की प्राप्ति करे
आगे बढती रहे, बढती रहे
जय हिंदी
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